भृंगराज एक अद्भुत औषधि

आयुर्वेद के ग्रंथों में भृंगराज के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है कि यह एक औषधीय पौधा आपके बालों को स्वस्थ और मजबूत रखने के साथ-साथ आपके शरीर को अनेक बिमारियों से भी बचाने में सक्षम होता है। इस पौधे से प्राप्त फल, फूल, छाल, जड़ और पत्तों के द्वारा प्राचीन काल से ही आयुर्वेदिक औषधियाँ बनाई जाती हैं|

भृंगराज

भृंगराज पौधे का परिचय

भृंगराज पौधा जमीन में फैला होता है, जो 5 से 10 इंच तक का हो सकता है| इस लाभदायक औषधीय पौधे के फूल सफेद पिले और नीले रंग के होते हैं| आयुर्वेदिक औषधि बनाने के लिए सबसे ज्यादा इसके फूल इस्तेमाल किये जाते हैं| सर्दी के मौसम में इस पौधे के फूल और फल खिल उठते हैं| भृंगराज का तना 4 से 8 इंच तक का होता है। आयुर्वेद के ग्रंथों में भृंगराज को रसायन के नाम से भी जाना जाता है| इस लाभकारी पौधे का विकास दलदली क्षेत्रों में सबसे ज्यादा होता है। इस पौधे के अंदर पाए जाने वाले एंटीआक्सीडेंट और एंटीमाइक्रोबियल जैसे लाभकारी गुण आपके शरीर को अनेक बिमारियों से सुरक्षित रखते हैं और आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी फायदेमंद होते हैं। इस लेख में हम भृंगराज के पौधे के आयुर्वेदिक गुणों के बारे में जानेगें।

ancient reference

व्याख्या – इस श्लोक में कहा गया है कि भृंगराज कड़वा, गरम, रुखा, सूजन को दूर करने में सहायक, खट्टी डकारों को दूर करने वाला, रक्तहीनता को दूर करने वाला, त्वचा रोगों में लाभकारी, हृदय रोगों में उपयोगी, विष के संक्रमण को रोकने में सहायक और शरीर में कफ दोष को संतुलित रखने वाला होता है।

संदर्भ धन्वंतरि निघण्टु, श्लोक -11

इस पौधे के आयुर्वेदिक गुण आइये जानते हैं

1. लीवर को रखे दुरुस्त

लीवर की कोशिकाओं में वसा का बहुत अधिक मात्रा में बढ़ जाना और लीवर के ऊपर सोजिश आ जाना, आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है| यह गलत खान-पान और बुरी आदतों से होता है। इसके लक्षण हैं:

  • बहुत ज्यादा चिंता में रहना
  • हमेशा थका थका महसूस करना
  • पेट दर्द
  • शरीर का अत्यधिक कमजोर हो जाना
  • लीवर में सूजन, आदि।

अगर आप चाहते हैं कि आपका लीवर बिमारियों से मुक्त रहे तो आपको भृंगराज कि जड़ के काढ़े का रोजाना सेवन करना चाहिए। इसके अंदर पाया जाने वाला एंटीमाइक्रोबियल गुण आपके लीवर को स्वस्थ रखने की रामबाण औषधि साबित होता है। इस प्रयोग का नियमित सेवन आपके पाचन तंत्र को संतुलित रखने के साथ-साथ लीवर से हानिकारक संक्रमण को खत्म करने में भी सहायक साबित होता है। आयुर्वेद में भृंगराज को लीवर की बीमारयों को दूर करने की सबसे अच्छी औषधि माना गया है।

2. पीलिया को खत्म करने में लाभदायक

पीलिया की बीमारी में मरीज को सिर दर्द होना, बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस होना, मस्तिष्क बुखार, अत्यधिक थकान, चिंता, शरीर में जकड़न आदि परेशानियों का सामना करना पड़ता है।अगर आप पीलिया की बीमारी से ग्रसित हैं तो आप भृंगराज का इस्तेमाल करें। इसका सेवन करने के लिए आपको भृंगराज की छाल से रस निकालकर, उसके अंदर चुटकी भर काली मिर्च का मिश्रण बनाना होगा। इस मिश्रण को सुबह और शाम रोजाना सेवन करने से आपकी पीलिया की समस्या जल्दी दूर हो जाएगी और आपका शरीर स्वस्थ रहेगा।

3. बालों के लिए रामबाण औषधि

छोटी सी उम्र में ही बालों का समय से पहले झड़ना एक बहुत बड़ी समस्या है और आज यह समस्या सामान्य सी हो गयी है। जिसकी वजह है लोगों का गलत खान-पान और खराब दिनचर्या। बालों को समय से पहले झड़ने से बचाने के लिए और उनको मजबूत और काला करने के लिए आपको भृंगराज की छाल का काढ़ा तैयार करना होगा। इस काढ़े में त्रिफला चूर्ण का मिश्रण करके सुबह बालों पर लगाएं और सूख जाने के बाद बालों को अच्छी तरह से धो लें। यह प्रयोग आपके बालों को झड़ने नहीं देता और उनको घना ,काला और मजबूत बनने रखने में बहुत ज्यादा फायदेमंद साबित होता है।

4. बवासीर को खत्म करे

बवासीर की दर्दनाक बीमारी से ग्रसित व्यक्ति के लिए भृंगराज का इस्तेमाल करना बहुत उपयोगी है। बवासीर की बीमारी में भृंगराज का इस्तेमाल करने के लिए आपको इसकी जड़ और पत्तों को एकसाथ पीस लें और इसके 100 ग्राम मिश्रण में 40 से 50 ग्राम काली मिर्च मिलाकर सुबह-शाम गुनगुने पानी के साथ सेवन करें। ऐसा करने से आपकी पाचन शक्ति दुरुस्त बनी रहती है और आपका शरीर बवासीर जैसी पीड़ादायक बीमारी से सुरक्षित रहता है। यह प्रयोग आपके पाचन तंत्र को संतुलित रखने में सहायक साबित होता है।

5. दांतों के दर्द को दूर करे

अगर आपको अपने दांत लम्बे समय के लिए मजबूत और स्वस्थ चाहिए तो इसके लिए भृंगराज का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है। इसका प्रयोग करने का तरीका भी बहुत आसान है। इसके लिए आप भृंगराज के पत्तोंऔर छाल का रस निकालकर, दोनों का मिश्रण करके मसूड़ों के ऊपर लगाएं| यह प्रयोग आपके दांतों को मजबूत बनाए रखता है।

6. सिरदर्द में लाभकारी

अगर बहुत ज्यादा तनाव और कार्य की वजह से आपका सिरदर्द करने लग जाए तो भी आपको भृंगराज का इस्तेमाल करना चाहिए| इसके प्रयोग के लिए आपको भृंगराज पौधे की पत्तियों का रस निकालकर उसको माथे के ऊपर लगाने से सिरदर्द में बहुत जल्दी आराम मिलता है। यह प्रयोग आपके मस्तिष्क के विकास को बढ़ाने के साथ-साथ, उसको बिमारियों से दूर रखने में भी सहायक साबित होता है।

7. रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक

अगर आप भृंगराज के पौधे से तैयार औषधियों का नियमित रूप से सेवन करते हैं तो यह आपके शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने के साथ-साथ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। भृंगराज आपके शरीर से हानिकारक बैक्टीरिया के संक्रमण को रोकने के लिए एक अत्यंत लाभकारी औषधि होती है। इसलिए हमें अपने शरीर को बिमारियों से मुक्त रखने और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए भृंगराज का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए।

8. त्वचा रोगों में लाभकारी

भृंगराज की पत्तियों का लेप आपकी त्वचा के घाव, खुजली और दाद को दूर करने की सबसे उपयोगी औषधि मानी गयी है। त्वचा के रोग वाली जगह पर भृंगराज की पत्तियों का रस लगाने से बहुत जल्दी फायदा मिलता है। यह प्रयोग आपको त्वचा के रोगों से बचाता है और आपकी सुंदरता को कायम रखता है।

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Dr. Vikram Chauhan (MD-Ayurvedic Medicine) is an expert Ayurveda consultant in Chandigarh (India). He has vast experience of herbs and their applied uses. He has successfully treated numerous patients suffering from various ailments, throughout the world. He is CEO and Founder of Krishna Herbal Company and Planet Ayurveda in Chandigarh, India. He researched age old formulas from ancient Ayurvedic text books to restore health and save human beings from the worst side-effects of chemical-based treatments.