Beneficial Properties of Plumbago Zeylanica (चित्रक के लाभकारी गुण)
चित्रक का पौधा आयुर्वेद के अनुसार अनेक रोगों के लिए लाभकारी साबित होता है । इस पौधे की जड़ ,पत्ते और फूलों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां बनाने के लिए प्राचीन काल से होता आ रहा है ।आपने इस पौधे को देखा तो होगा परन्तु इसको पहचानना कठिन है जिस कारण से आप इसके फायदों से वंछित रह जाते हैं ।आमतौर पर चित्रक के पौधे से सफेद चित्रक ही प्राप्त होता है परन्तु फिर भी आयुर्वेद में इसको ३ प्रकार का माना गया है ,१ लाल किस्म का चित्रक ,२ नीले किस्म का चित्रक ,३ सफेद किस्म का चित्रक । विश्व में सबसे ज्यादा यह पौधा भारत देश में उगाया जाता है ।भारत के अलावा यह पौधा श्रीलंका और अफ्रीका के कुछ भागों में उगाया जाता है।
यह गुणकारी पौधा लम्बा होने के साथ साथ पूरे वर्ष हरा भरा रहने वाला होता है ।इस पौधे का तना बहुत ही मजबूत ,विशाल और गोल होता है ।इस पौधे के पत्तों की लम्बाई ४ से ७ मीटर तक और चौड़ाई २ से ४ मीटर तक होती है ।इस पौधे को आयुर्वेद में अग्निमाता के नाम से भी जाना जाता है ।यह पौधा झाड़ी के रूप में विकसित होता है । यह पौधा शरीर में वात ,पित्त और कफ दोष को संतुलित रखने में सहायक होता है ।इसकी तासीर गरम होने के कारण यह आपकी भूख को बढ़ाने ,पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने ,पेट की समस्याओं को दूर करने ,त्वचा के रोगों को दूर करने ,ज्वर को खत्म और कैंसर आदि के लिए सहायक साबित होता है।इस लेख में हम चित्रक की तीनों प्रजातियों के औषधीय गुणों के बारे में जानेंगे।
चित्रकोऽग्निसमः पाके कटुकः कफशोफजित्। वातोदरार्शोग्रहणीक्षयपाण्डुविनाशनः ॥ ८१ ॥
संदर्भ- धन्वंतरि निघण्टु ,श्लोक -८१ ।
व्याख्या– इस श्लोक में कहा गया है कि चित्रक तीखा ,गरम ,कटु , पाचन तंत्र के लिए लाभदायक ,शरीर में कफ दोष और वात दोष को संतुलित रखता है ,सूजन को कम करने वाला ,पेट की समस्याओं के लिए फायदेमंद ,बवासीर को दूर करने वाला ,कुअवशोषण , फेफड़े के रोगों को दूर करने वाला ,रक्ताल्पता को दूर करने वाला साबित होता है ।
१ लाल किस्म के चित्रक के औषधीय गुण
1. त्वचा की खुजली के लिए लाभकारी
लाल चित्रक का पौधा पोषक तत्व और खनिज पदार्थों से भरी हुई एक बहुत ही अच्छी औषधि मानी गयी है।त्वचा के रोगों के लिए तो यह बहुत ज्यादा लाभकारी साबित होता है ।अगर आपको त्वचा से संबंधित कोई भी समस्या है तो आपको लाल चित्रक की जड़ को देसी गाय के दूध में पीसकर उस मिश्रण को त्वचा की खुलजी पर लगाने से बहुत जल्दी फायदा पहुँचता है।इस प्रयोग का नियमित सेवन आपको त्वचा रोगों से भी बचा कर रखता है।
2. चहरे के मुंहासो को खत्म करे
अगर आपके चहरे पर कील मुहासों,काले निशान ,सफेद निशान की समस्या है तो लाल चित्रक की छाल को पानी में पीसकर चहरे की त्वचा पर लगाने से आपका चेहरा प्राकृतिक सौंदर्य से चमक उठता है ।यह प्रयोग आपके चेहरे को हानिकारक संक्रमण से बचाने में भी लाभकारी साबित होता है।
२ सफेद किस्म के चित्रक के औषधीय गुण
1. खांसी और जुखाम को दूर करने में सहायक
सफेद चित्रक की छाल का काढ़ा आपको खांसी ,बवासीर, कान की समस्याओं में और आपके फेफड़ों में जमी कफ को खत्म करने में सहायक होता है।आयुर्वेद के अनुसार जुखाम को दूर करने की सबसे लाभदायक औषधि सफेद चित्रक की छाल का काढ़ा मानी गयी है ।अगर आप इस काढ़े का सुबह और शाम सेवन करते हैं तो आप दमा,साँस का फूलना और हृदय की अनेक बीमारियों से सुरक्षित रहते हैं।
2. गले को रखे साफ और स्वस्थ
एक शोध के अनुसार मौसम के परिवर्तन के साथ ही बीमारियों का मौसम भी शुरू हो जाता है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आप ठंडी , गरम वस्तुओं का ध्यान नहीं रख पाते और सर्दी , गले की खराश और ज्वर आदि बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं और इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए सफेद चित्रक और आंवला को बराबर मात्रा में लेकर उनका काढ़ा तैयार कर लें और उसके अंदर १ चम्मच देसी गाय का घी डाल लें और इस मिश्रण को सुबह खाली पेट सेवन करना आपके गले को स्वस्थ रखने के साथ साथ आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी सहायक होता है।
3. कब्ज को दूर करने में सहायक
आयुर्वेद के अनुसार शरीर के अंदर सबसे ज्यादा बीमारियां आपके पाचन तंत्र के खराब होने की वजह से आती हैं जैसे कि सीने में दर्द ,खाना हजम ना होना ,बार बार सिर दर्द होना ,तनाव ,थकान और हमेशा चिड़चिड़ा रहना आदि ये सभी बीमारियां सिर्फ कब्ज की वजह से होती हैं ।कब्ज की समस्या को दूर करने में सफेद चित्रक की छाल का काढ़ा बहुत फायदेमंद साबित होता है ।अगर आपको पेट की कोई भी समस्या है तो सफेद चित्रक की छाल का काढ़ा सुबह और शाम नियमित रूप से सेवन करना आपके पाचन तंत्र को दुरुस्त बनाए रखने के साथ साथ आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम करता है।
4. गठिया रोग में फायदेमंद
सफेद चित्रक की छाल का चूर्ण आपके शरीर के अंदर वात दोष को संतुलित रखने में सहायक होता है जिसकी वजह से आपके शरीर के अंदर जोड़ों की बीमारी गठिया उत्पन्न होती है ।अगर आप गठिया के असहनीय दर्द से परेशान हैं तो सफेद चित्रक की जड़ ,कुटकी और हरड़ को समान मात्रा में पीसकर चूर्ण तैयार कर लें और इस चूर्ण का सुबह और शाम रोजाना सेवन आपके गठिया के दर्द को खत्म करने में सहायक होता है। इसके अलावा अगर आप सफेद चित्रक की छाल का चूर्ण सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ सेवन करते हैं तो यह प्रयोग आपके जोड़ों के दर्द को ठीक करने के साथ साथ आपको हृदय रोगों से भी बचा कर रखता है।
३ नीली किस्म के चित्रक के औषधीय गुण
1. काले बुखार को खत्म करने में सहायक
अगर आप काला बुखार से पीड़ित हैं तो नीले चित्रक की छाल का काढ़ा सेवन करना फायदेमंद साबित हो सकता है ।इसके इस्तेमाल के लिए आपको नीले चित्रक की छाल को १ गिलास पानी में अच्छी तरह उबाल लेना चाहिए और जब यह पानी आधा गिलास रह जाए तो इसका सुबह खाली पेट सेवन करना काले बुखार को खत्म करने में लाभदायक साबित होता है।आयुर्वेद में यह प्रयोग काला बुखार को दूर करने की रामबाण औषधि मानी गयी है।
