Full of Medicinal Properties: Mint (औषधीय गुणों से भरपूर पुदीना)
भारत देश में पुदीना भरपूर मात्रा में विकसित होता है।प्राचीन काल से इसका उपयोग अनेक रोगों की रोकथाम के लिए एक जड़ी बूटी के रूप में किया जाता रहा है ।आयुर्वेद चिकित्सा के अनुसार पुदीने के गुणों के बारे में बताने की जरूरत नहीं है । इसके औषधीय गुणों के बारे में लगभग सभी लोगों को पता है।
पुदीने का परिचय
आयुर्वेद के अनुसार पुदीना स्वाद और खुशबु से भरपूर होता है ।पुदीने के अंदर विटमिन – ए बहुत ज्यादा मात्रा में पाया जाता है जो शरीर को बिमारियों से बचाए रखने में मददगार साबित होता है ।पुदीने का पौधा पूरा वर्ष हरा भरा और सुगंध से भरपूर रहता है ।यह पौधा ग्रीष्म ऋतू में फल और फूल प्रदान करने वाला होता है ।इसकी टहनियों का रंग देखने में भूरा प्रतीत होता है ।इसके पत्ते बहुत ही मुलायम और गहरे हरे रंग के होते हैं ।इसके फूल गुच्छों में होते हैं जो कमजोर टहनियों पर लगे होते हैं ।आयुर्वेद चिकित्सा में प्राचीन काल से ही पुदीना अनेक आयुर्वेदिक औषधियाँ बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है ।इस लेख में पुदीने के औषधीय गुणों के बारे विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त करेगें ।
आयुर्वेद के अनुसार पुदीने के अन्य भाषाओँ में नाम
- हिंदी -पुदीना
- संस्कृत -पूतिहा
- गुजराती -पुदीना
- बंगाली -पुदीना
- अंग्रेजी – स्पीयर मीट
- लैटिन- मेन्था स्पाइकेटा
आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार पुदीने के औषधीय गुण
यह स्वाद में बहुत ज्यादा कटु रस युक्त, रुचिकर, लघु, तीक्ष्ण, विपाक में कटु रस युक्त, और शरीर के अंदर वात दोष और कफ दोष को संतुलित रखता है और पित्त के लिए भी लाभकारी होता है ।
आइये जानते हैं पुदीने के विभिन्न बीमारियों को दूर करने वाले प्राकृतिक गुणों के बारे में
1. पाचन क्रिया को बनाए दुरुस्त
आयुर्वेद के अनुसार पुदीना पाचन क्रिया को मजबूत रखने में लाभकारी साबित होता है ।एक शोध के अनुसार शरीर के अंदर सबसे ज्यादा बीमारियां पाचन क्रिया के खराब होने की वजह से आती हैं, । जिससे शरीर में पेट दर्द ,गैस ,कब्ज ,अल्सर जैसी हानिकारक बीमारियां उत्पन हो जाती है । अगर किसी व्यक्ति की पाचन क्रिया ठीक नहीं है तो उसको पुदीने की चाय का रोजाना सेवन करना चाहिए ।यह आपकी पाचन क्रिया को दुरुस्त बनाए रखने में मददगार होती है ।पाचन मुँह की लार को सक्रिय करके भोजन को पचाने में भी मदद करता है ।
2. लीवर के लिए लाभदायक
अगर किसी व्यक्ति को लीवर से संबंधित कोई भी समस्या है तो उसको पुदीने का उपयोग करना फायदेमंद माना जाता है ।आयुर्वेद के अनुसार इसके अंदर पाए जाने वाले महत्वपूर्ण खनिज पदार्थ और आवश्यक पोषक तत्व आपके लीवर को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने में सहायक होते हैं ।इसके इस्तेमाल के लिए आपको ३ से ४ पुदीने की पत्तियों को रोजाना सुबह खाली पेट सेवन करना चाहिए, यह आपके लीवर को बिमारियों से सुरक्षित रखने में मददगार साबित होता है ।
3. स्मरण शक्ति को बढ़ाने में सहायक
एक शोध के अनुसार पुदीना मस्तिष्क की क्रियाओं को सक्रिय कर उसकी शक्ति को बढ़ाने में असरदार माना जाता है ।अगर किसी व्यक्ति की स्मरण शक्ति कमजोर है या फिर वह छोटी छोटी बातों को भूल जाता है तो उसको सुबह खाली पेट ५ से ६ पत्तों का सेवन गुनगुने पानी का साथ करना चाहिए।यह प्रयोग शरीर की पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने के साथ- साथ स्मरण शक्ति को बढ़ाने में सहायक साबित होता है।
4. वजन कम करने में मददगार
आज के समाज में लोग गलत खान पान और खराब दिनचर्या की वजह से बहुत जल्दी मोटापे की समस्या से ग्रसित हो जाते हैं ।अगर आप अत्यधिक चर्बी और मोटापे से परेशान हैं तो आपको रात को सोने से पहले ४ से ५ पुदीने के पत्तों को खा लेना चाहिए ।आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार यह प्रयोग शरीर के अंदर अत्यधिक वसा को कम कर देता है ।अगर इस प्रयोग का नियमित सेवन किया जाए तो यह शरीर की अतिरिक्त चर्बी को बहुत जल्दी कम कर वजन को संतुलित रखने में मददगार साबित होता है ।
5. कैंसर को रोकने में सहायक
आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार पुदीने का सेवन शरीर के अंदर कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट करने में सहायक साबित होता है ।एक शोध के अनुसार कैंसर के मरीजों के लिए पुदीना लाभकारी माना गया है ।यह शरीर के अंदर कैंसर के संक्रमण को रोकने में कारगर माना जाता है ।
6. खांसी और सर्दी को करे खत्म
आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार अगर पुदीने की सुगंध मात्र को ग्रहण कर लिया जाए तो यह श्वांस नली को स्वच्छ और बिमारियों से सुरक्षित रखने में सहायक साबित होती है ।अगर कोई व्यक्ति खांसी और बलगम की समस्या से परेशान है तो उसको सुबह खाली पेट ४ से ५ पुदीने के पत्तों को गुनगुने पानी के साथ सेवन करना चाहिए । यह प्रयोग बलगम को बाहर निकालने और खांसी को बहुत जल्दी खत्म करने में लाभदायक साबित होता है
7. मासिक चक्र में लाभकारी
अगर किसी भी महिला को मासिक चक्र के दौरान अत्यधिक दर्द ,बहुत ज्यादा रक्तस्रव होता है तो उनके लिए पुदीना लाभकारी साबित होता है ।आयुर्वेद के अनुसार पुदीना शरीर के अंदर रक्त को शोधन करने का काम करता है ।मासिक चक्र के दौरान पेट में ऐंठन ,सूजन और उल्टियों को खत्म करने में यह बहुत ज्यादा असरदार होता है ।इसके उपयोग के लिए आपको आधा गिलास काढ़ा सुबह खाली पेट नियमित रूप से सेवन करना चाहिए, यह इन सभी समस्यायों को दूर करने में मददगार माना गया है ।यह प्रयोग मासिक चक्र की अनियमितता को दूर करने वाली अच्छी औषधि माना जाता है ।
8. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक
आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार अगर किसी भी व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होगी तो वह बहुत जल्दी बीमारी से ग्रसित हो जाता है। एक शोध के अनुसार आज के समाज में बच्चों की रोगों से लड़ने की शक्ति बहुत ही कम होती है । आज लोग अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए अनेक दवाईयों और उत्पादों का सेवन करते हैं परन्तु ये सभी उत्पाद उनके शरीर को अंदर ही अंदर कितना नुकसान पहुंचा रहे हैं इसका उनको कुछ अंदाजा भी नहीं है।आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार पुदीने के अंदर कैल्शियम ,पोटैशियम,मैग्नीशियम ,फास्फोरस जैसे महत्वपूर्ण खनिज पदार्थों के साथ -साथ प्रोटीन और विटामिन जैसे लाभकारी पोषक तत्व शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं ।
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Dr. Vikram Chauhan
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